इससे पहले कि आप एक नई कान की मशीन का चुनाव करें, आपको इस श्रवण उपकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। यह आलेख आपको एक सूचित व जागरुक उपभोक्ता के रूप में सशक्त करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसे पढ़ने के बाद आप खुद के लिए उपयुक्त कान की मशीन का चयन करने में सक्षम होंगे।
कान की मशीन क्या है?
कान की मशीन एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक श्रवण उपकरण है जो बहरेपन से पीड़ित लोगों को बेहतर सुनने में मदद करता है। कान की मशीन आवाज़ों को बढ़ाकर पुन: प्रस्तुत करती है और उपयोगकर्ता वह आवाज़ आसानी से सुन पाता है जिसे वह पहले नहीं सुन सकता था। यह मशीन उपयोगकर्ता को सामान्य सुनने वाले व्यक्ति के रूप में सभी गतिविधियों को यथावत संचालन का अवसर देता है। कान से कम सुनाई देने के स्थिति को सुधारने में कान की मशीन अत्यंत लाभदायक साबित हुई है।
कान की मशीन कैसे काम करती है?
मशीन में लगा माइक्रोफोन ध्वनि या भाषण संकेत या आवाज़ को पकड़ता है। इन संकेतों को एम्पलीफायर सर्किट द्वारा बढ़ाया जाता है और रिसीवर को भेजा जाता है। रिसीवर विद्युत (इलेक्ट्रिकल) या इलेक्ट्रॉनिक संकेत को ऑडियो संकेत या ध्वनि में बदल देता है जैसा कि हम इसे सुनते हैं। यह ध्वनि संकेत हमारे कानों में सुनाई देता है।
कान की मशीन के मुख्य भाग क्या हैं?
कान की मशीन में 3 मुख्य भाग हैं।
- माइक्रोफोन (Microphone)
माइक्रोफोन ध्वनि संकेत को पकड़ते है। ये ध्वनि संकेत भौतिक ध्वनि तरंगों से विद्युत संकेत में परिवर्तित करते है ।
- एम्पलीफायर (Amplifier)
माइक्रोफोन से विद्युत संकेत एम्पलीफायर को जाते है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि इन ध्वनि संकेतों को बढ़ाया जाता है।
- रिसीवर (Receiver)
रिसीवर वह हिस्सा है जो आखिरकार बढ़ाए गए विद्युत संकेत को ध्वनि में बदल देता है। रिसीवर शब्द आमतौर पर केवल कान की मशीन के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक छोटा स्पीकर है।
नई कान की मशीन कैसे मदद करती हैं?
कान की मशीन ध्वनि को बढ़ाकर हमें सुनने में मदद करती हैं। इस प्रकार यह, बहरेपन से पीड़ित व्यक्तियों को अच्छी तरह से सुनने में मदद करती है।
कोक्लिआ में मौजूद बाल कोशिकाएं कंपन को पहचानती हैं और ध्वनि को आंतरिक कान तक पहुँचाती हैं। ये कंपन मस्तिष्क तक पहुंचने वाले विद्युत संकेतों में परिवर्तित हो जाते हैं। जितना अधिक बहरापन होगा उतनी ही अधिक कान की मशीन के प्रवर्धन की आवश्यकता होगी।
अगर बाल कोशिकाएं काम नहीं कर रही हैं तो उच्च प्रवर्धन भी मदद नहीं करता है । इस मामले में, कान का डॉक्टर एक कॉक्लियर इंप्लांट की सलाह देता हैं।
कान की मशीन के प्रकार क्या हैं?
- बीटीई या कान के पीछे कान की मशीन
- बीटीई ओपन फ़िट कान की मशीन
- बीटीई आरआईसी (रिसीवर कैनाल में) कान की मशीन
- इन-द-ईअर (आईटीई) कान की मशीन
- इन-द-कैनाल (आईटीसी) कान की मशीन
- पूरी तरह से कैनाल में (सीआईसी) कान की मशीन
- कैनाल में अदृश्य (आईआईसी) कान की मशीन
बीटीई या कान के पीछे की कान की मशीन
बीटीई या कान के पीछे कान की मशीन उपयोगकर्ता के कान के पीछे फिट बैठती है। इसका बाहरी आवरण एक प्रकार के प्लास्टिक से बना है और बहुत मजबूत है। आवरण कान के पीछे के भाग के आकार में होता है और कान के पीछे आराम से फिट बैठता है।
आवरण के ऊपरी हिस्से में एक अंकुड़ा भाग होता है जो कान की मशीन को जगह पर रखता है। यह हुक एक सिलिकॉन की बनी नली (ट्यूब) से भी जुड़ता है। नली के अंत में कान के आकार का सांचा (मोल्ड) होता है। सांचा अनुकूलित करके बनाया जाता है यानि उपयोगकर्ता के कान के आकार के अनुसार बनाया जाता है। यह बाहरी कान या कोंचा के अंदर फिट बैठता है।
आवरण में माइक्रोफोन, रिसीवर, वॉल्यूम कंट्रोल, स्विच और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्री शामिल है।
सभी उम्र के लोग बीटीई कान की मशीन का उपयोग कर सकते हैं। यह हल्के से गहन बहरेपन के लिए उपयुक्त हैं।
बीटीई कान की मशीन ज्यादा दिखाई नहीं देती है क्योंकि आवरण आम तौर पर कर्णपाली (कान के फ्लैप) द्वारा ढक जाता है। कान की बाह्य कर्ण-कुहर (कैनाल) के प्रवेश द्वार तक हुक से केवल सिलिकॉन नली कुछ हद तक दिखाई देती है। नली की संरचना पारदर्शक सिलिकॉन से की जाती है जो कि मशीन की दर्शिता को कम करता है।
बीटीई ओपन फ़िट कान की मशीन
ओपन फिट बीटीई को पारंपरिक बीटीई के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
एक पारंपरिक बीटीई और ओपन फिट बीटीई के बीच का अंतर केवल नली में और मशीन के काननुमा अग्रभाग (टिप) में है।
पारंपरिक बीटीई में काननुमा अग्रभाग (टिप) व कान के आकार का सांचा (मोल्ड) कान की बाह्य कर्ण-कुहर (कैनाल) के प्रवेश छिद्र को बंद कर देता है।
ओपन फिट बीटीई में, ध्वनि को बाहर आने देने के लिए अग्रभाग (टिप) में छेद होते हैं। कम आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें छिद्र के माध्यम से बाहर निकलती हैं। इससे अधिरोधन प्रभाव (Occlusion Effect) नहीं होता है।
जिन लोगों को उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों से बहरापन होने की संभावना रहती है उन्हें ओपन फिट बीटीई कान की मशीन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
कान की मशीन की यह शैली परंपरागत बीटीई की तुलना में कम दिखाई देती है क्योंकि इसकी नली पतली है और अग्रभाग (टिप) छोटा है।
बीटीई आरआईसी (कैनाल में रिसीवर) कान की मशीन
इन्हें आरआईसी (RIC) या आरआईटीई RITE (कैनाल में रिसीवर या कान में रिसीवर) के रूप में जाना जाता है।
परंपरागत बीटीई कान की मशीन में, रिसीवर मशीन के भीतर होता है, और सिलिकॉन नली हमारे कान में ध्वनि को लेकर आती है। आरआईसी (RIC) / आरआईटीई (RITE) के मामले में रिसीवर कान नलिका में रखा जाता है।
इस मामले में रिसीवर कान के परदे के करीब है। ऐसी डिज़ाइन के कारण आरआईसी / आरआईटीई कान की मशीन कम विकृति के साथ उच्च तीव्रता व स्पष्टता प्रदान करती है।
कस्टम कान की मशीन क्या हैं?
कस्टम या अनुकूलित कान की मशीन उपयोगकर्ता के कान के आकार के अनुसार बनाई जाती है। इसके लिए विशेष छाप सामग्री का उपयोग किया जाता है। कान की मशीन का विक्रेता उपयोगकर्ता के कान का माप कंपनी में भेजता है जिससे एक खोल बनाया जाता है।
कान की मशीन की कंपनियाँ अपनी प्रयोगशालाओं में कान की छाप से एक्रिलिक के खोखले शैल या ढाँचे बनाती हैं। इस प्रक्रिया में, वे कान के आकार और रूप को बनाए रखती हैं।
सर्किट को खोखले ढाँचे में रखा जाता है। बुनियादी चरण और घटक अन्य प्रकार के श्रवण यंत्र के समान ही होते हैं।
बाहर दिखने वाले भाग को फेस प्लेट कहा जाता है। फेस प्लेट को छोड़कर इस प्रकार की कान की मशीन का दूसरा कोई भाग दिखाई नहीं देता हैं। फेस प्लेट वह हिस्सा है जहां वॉल्यूम नियंत्रण, माइक्रोफोन और बैटरी ड्रॉवर मौजूद है।
इन-द-ईअर – आईटीई कान की मशीन (ITE Hearing Aid)
आईटीई या कान के अन्दर कान की मशीन एक कस्टम कान की मशीन है। यह एक बीटीई से छोटा है। खोल या आवास उपयोगकर्ता के कान के आकार के अनुसार बनाया जाता है। पूर्ण कान की मशीन कोंचा या बाहरी कान में फिट बैठती है।
इन-द- कैनाल – आईटीसी कान की मशीन (ITC Hearing Aid)
आईटीसी या इन-द- कैनाल कान की मशीन एक कस्टम कान की मशीन है। आईटीसी का काम करने का तरीका आईटीई जैसा ही है। घटकों को और अधिक छोटा कर दिया जाता है, और आकार आईटीई से छोटा होता है। कान की मशीन का मुख्य हिस्सा कान की बाह्य कर्ण-कुहर (कैनाल) में फिट बैठता है, केवल फेस प्लेट दिखाई देती है। नियंत्रण और बैटरी ड्रावर फेसप्लेट पर होता है।
प्रवर्धन की इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया अन्य कान की मशीन के समान ही है। तकनीकी प्रगति के कारण घटकों का आकार छोटा हो गया है। जिससे यह कान की मशीन कम दिखाई देता है।
पूरी तरह से कैनाल में – सीआईसी कान की मशीन (CIC Hearing Aid)
सीआईसी में घटकों को और कम किया जाता है। सीआईसी कान की मशीन कान की बाह्य कर्ण-कुहर (कैनाल) में फिट बैठती है और यह दिखाई नहीं देती है। यहां तक कि फेस प्लेट भी शायद ही दिखाई दे। अधिकांश निर्माता वॉल्यूम नियंत्रण या किसी भी नियंत्रण प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि आकार बहुत छोटा है।
चूंकि कान की मशीन कैनाल में फिट बैठती है, यह बिल्कुल दिखाई नहीं देते हैं। खींचने के लिए नायलॉन के धागे को कान की मशीन पर लगाया जाता है ताकि उपयोगकर्ता कान की मशीन को निकाल सके।
कैनाल में अदृश्य – आईआईसी कान की मशीन (IIC Hearing Aid)
आईआईसी एक नई कान की मशीन का प्रकार हैं और यह उद्योग में नवीनतम तकनीक है। कान की मशीन कान के परदे के बहुत करीब होती और बाहर कुछ भी दिखाई नहीं देता है। घटक बहुत छोटे होते हैं।
कैनाल की गहराई में लगे हुए आईआईसी कान की मशीन को बाहर खींचने के लिए धागा दिया जाता है।
कान की मशीन के उद्योग के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी एक वरदान रही है। नवीनतम कान की मशीन में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट हैं जो छोटे कंप्यूटर की तरह हैं। वे आने वाले संकेत का विश्लेषण करते हैं और अवांछित शोर को भाषण संकेतों से अलग करते हैं।
नई कान की मशीन में उपलब्ध सुविधाओं में उपयोगकर्ताओं को आराम स्तर और स्वीकार्यता बढ़ जाती है।
आपको नई कान की मशीन सोच -विचार कर खरीदनी चाहिए। वर्तमान में उपलब्ध कान की मशीनें डिजिटल तकनीकी के कारण उत्कृष्ट स्पष्टता व सहूलियत प्रदान करती हैं। इन नई कान की मशीनों ने श्रवण बाधित लोगों की जीवनशैली को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया है और उनके जीवन को सरल बनाने में कारगर साबित हुई हैं।