बहरापन के बारे में जानकारी – आपके सभी प्रश्नों के उत्तर

EarGuru, कान स्वास्थ्य ब्लॉग ने बहरेपन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) की एक सूची तैयार की है। हम नई जानकारी के साथ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को अपडेट करते रहेंगे।

बहरापन का क्या अर्थ है?

अगर कोई ठीक से नहीं सुन सकता या बिल्कुल नहीं सुन सकता है तो इसे बहरापन कहा जाता है। बहरापन का स्तर ऑडियोमेट्री परीक्षण (audiometry report) के परिणामों पर निर्भर करता है। सुनने का स्तर निर्धारित करता है कि बहरापन हल्का, मध्यम या गंभीर है। बहरापन के कारणों का निदान करने के लिए विस्तृत परीक्षण की आवश्यकता है।

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बहरापन का क्या कारण है?

बहरापन के कुछ कारण निम्नलिखित हैं।

• बढ़ती उम्र के कारण बहरापन (Presbycusis)
• मधुमेह की बीमारी
• उच्च रक्तचाप की बीमारी
• दिल की बीमारी
• आघात
• दिमागी चोट
• फोडा (tumour)
• कान में संक्रमण (विषाणु या जीवाणु)
• कान में मैल जमा होना
• कान के पर्दे में सुराख
• हड्डी का असामान्य विकास
• ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन
• वंशागति
• कान के लिए विषाक्त दवाएं
• खसरा
• मस्तिष्कावरण शोथ
• कण्ठमाला

अधिक जानकारी के लिए बहरेपन के कारण और लक्षण के बारे में पढ़ें।
7 बीमारियां जो बहरेपन का कारण बन सकती हैं के बारे में पढ़ें।

बहरापन कितने प्रकार का होता है?

बहरापन 4 प्रकार का होता है:

• संवेदी बहरापन (sensorineural deafness)
• प्रवाहकीय बहरापन (conductive deafness)
• मिश्रित बहरापन (mixed hearing loss)
• श्रवण न्यूरोपैथी स्पेक्ट्रम विकार (Auditory Neuropathy Spectrum Disorder)

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख बहरेपन के प्रकार क्या हैं? पढ़ें

बहरापन के लक्षण क्या हैं?

बहरापन के सामान्य लक्षण हैं:

• जब कोई व्यक्ति पीछे से या कुछ दूरी से बात करता है तो समझने में कठिनाई होती है।
• बात करते समय होंठ पढ़ने (lip reading) की कोशिश करना।
• समूह चर्चा में, जैसे कार्यालय की बैठक या परिवार की बैठक में ठीक से सुनने में असमर्थता।
• बात समझने में असमर्थता खासकर अगर बातचीत शोरगुल वाले क्षेत्र में हो, जैसे कि एक रेस्तरां या सार्वजनिक स्थान।
• कभी-कभी प्रभावित व्यक्ति सुन सकता है लेकिन शब्द स्पष्ट नहीं होते हैं।
• अगर कोई दूर से आवाज देते हैं तो ध्वनि के स्रोत का पता लगाने में असमर्थता।
• पक्षियों के चहकने या बारिश की बूंदों जैसी रोजमर्रा की आवाजें नहीं सुन सकना।
• दरवाजे की घंटी या टेलीफोन की घंटी सुनने में असमर्थता।
• टेलीफोन पर बातचीत में कुछ शब्द सुनने में असमर्थता।
• पुरुषों की तुलना में बच्चों और महिलाओं के साथ बातचीत करने में कठिनाई होना। (उच्च आवृत्ति सुनवाई हानि)
• प्रभावित व्यक्ति टेलीविजन की ध्वनि की मात्रा को बढ़ाता है।
• दूसरों के बारे में शिकायत करना कि लोग जोर से या स्पष्ट रूप से नहीं बोल रहें है।
• बहरापन से प्रभावित व्यक्ति दूसरों को दोहराने का अनुरोध करेगा।
• बहरापन से प्रभावित व्यक्ति धीरे-धीरे पारिवारिक चर्चाओं और सामाजिक आयोजनों को टालता है।
• प्रभावित व्यक्ति में थकान के लक्षण दिखाई देंगे क्योंकि उन्हें सुनने के लिए अधिक ध्यान केंद्रित करना पड़ता है।

अधिक जानने के लिए बहरेपन के कारण और लक्षण के बारे में पढ़ें।

नवजात शिशुओं में बहरेपन का क्या कारण होता है

जन्म के समय बहरेपन के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

• समय से पहले जन्म
• जन्म के समय कम वजन
• प्रसव के दौरान चोट
• रूबेला या दाद सिम्प्लेक्स जैसे विषाणु
• रक्ताधान से पीलिया
• मां को मधुमेह की बीमारी
• प्रसव के दौरान जटिलताएं जैसे ऑक्सीजन की कमी
• गर्भावस्था के दौरान मां द्वारा शराब या नशीली दवाओं का दुरुपयोग
• गर्भावस्था के दौरान मां को उच्च रक्तचाप की बीमारी
• माता-पिता में से किसी एक से बहरापन विरासत में प्राप्त करना (Autosomal dominant hearing loss)
• डाउन सिंड्रोम, अशर सिंड्रोम, क्राउज़ोन सिंड्रोम
• कान की विकृति (Anotia or Microtia)

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख बच्चों में बहरापन – माता-पिता के लिए जानकारी पढ़ें।
इसके अलावा, जन्मजात बहरापन का इलाज और ऐसा क्यों होता है? पढ़ें।

संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन क्या है?

संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन आंतरिक कान या नसों में क्षति या दोष के कारण होता है। आंतरिक कान में दोष या क्षति कान के संवेदी और तंत्रिका भागों की संवेदनशीलता को कम कर देती है।

दोनों कानों में बहरेपन को द्विपक्षीय सेंसरिनुरल बहरापन के रूप में जाना जाता है।
एक कान में बहरापन को एकतरफा सेंसरिनुरल श्रवण हानि के रूप में जाना जाता है।
सेंसोरिनुरल या संवेदी बाधिता को कान की नसों के कारण बहरापन भी कहा जाता है।

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन के लक्षण, कारण और उपचार पढ़ें।

संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन का क्या कारण है?

संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

• वृद्धावस्था के कारण बहरापन, जिसे प्रेस्बीक्यूसिस (Presbycusis) के नाम से भी जाना जाता है।
• तेज आवाज के संपर्क में आना
• भीतरी कान में चोट
• मस्तिष्कावरण शोथ, कण्ठमाला और खसरा जैसे संक्रमण
• बहरापन का आनुवंशिकी या पारिवारिक इतिहास
• कान के लिए विषाक्त दवाओं का सेवन
• ध्वनिक न्युरोमा (Acoustic Neuroma)
• मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप जैसे रोग।

प्रवाहकीय बहरापन क्या है?

जब बाहरी या मध्य कान भीतरी कान में ध्वनि तरंगों का संचालन करने में असमर्थ होता है तो इसे कंडक्टिव बहरापन या प्रवाहकीय बहरापन कहा जाता है।

यदि बाहरी कान या मध्य कान में कोई रुकावट या दोष है, तो ध्वनि तरंगें आंतरिक कान तक सफलतापूर्वक नहीं पहुंच पाती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति ठीक से सुन नहीं पाता है, इसे प्रवाहकीय श्रवण हानि कहा जाता है।

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख प्रवाहकीय श्रवण हानि – लक्षण कारण और इलाज पढ़ें।

प्रवाहकीय बहरापन के कारण क्या हैं?

प्रवाहकीय बहरेपन के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

• कान का मैल जमा होना
• किसी वस्तु के कारण कान में रुकावट
• कान में संक्रमण
• मध्य कान में द्रव जमा होना
• बाहरी कान की विकृति (Aural atrasia, Microtia)
• हड्डी का असामान्य विकास
• कान के पर्दे में सुराख
• ओटोस्क्लेरोसिस (Otosclerosis)
• दुर्घटना के कारण कान में चोट लगना
• सौम्य ट्यूमर (benign tumour)
• यूस्टेशियन ट्यूब का ठीक से काम नहीं करना

क्या प्रवाहकीय बहरापन स्थायी है?

अधिकांश मामलों में, प्रवाहकीय बहरापन अस्थायी श्रवण हानि है। प्रवाहकीय बहरापन के अधिकांश कारणों का इलाज शल्य चिकित्सा या एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है। कान का मैल जमा होना, शारीरिक रुकावट, कान में संक्रमण और तरल पदार्थ जमा होना जैसे कारणों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

कान नलिका का stenosis स्टेनोसिस (कान नलिका का सिकुड़ना), exostosis एक्सोस्टोसिस (हड्डी पर उपास्थि ऊतक का विकास), ओटोस्क्लेरोसिस (मध्य कान में हड्डी के अतिवृद्धि के कारण बहरापन) और ऑस्कुलर चेन डिस्कन्टिन्यूइटी (मध्य कान की हड्डियों में अंतराल) जैसे कारणों से होने वाला प्रवाहकीय बहरापन का इलाज करना मुश्किल है।

एक कान में कम सुनाई क्यों देता है?

एक कान में कम सुनाई देना या एक कान से सुनाई न देने के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

• कान का मैल जमा होना
• कान में संक्रमण (विषाणु या जीवाणु)
• कान के पर्दे में सुराख
• ध्वनिक न्युरोमा (acoustic neuroma)
• मेनियार्स का रोग (Meniere’s disease)
• कान की हड्डी में असामान्य वृद्धि
• कान में शारीरिक चोट
• कान की नसों पर दबाव
• रक्त संचार की समस्या
• आनुवंशिक या विरासत में मिले विकार
• कीमोथेरेपी दवाएं का उपयोग (chemotherapy drugs)
• ओटोटॉक्सिसिटी या कान के लिए विषाक्त दवाएं
• फोडा या ट्यूमर (Tumour)

बच्चों को एक कान में कम सुनाई देने के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

• कण्ठमाला
• ओटाइटिस मीडिया (मध्य कान में संक्रमण)
• जन्मजात साइटोमेगालोवायरस (CMV)
• मस्तिष्कावरण शोथ

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख एक कान में कम सुनाई देना – कारण और उपचार पढ़ें।

अचानक सुनवाई हानि के क्या कारण है?

अचानक बहरापन का कारण बनने वाले कारक इस प्रकार हैं:

• कान की नसों पर ट्यूमर
• लाइम रोग (Lyme disease ) जैसे संक्रामक रोग
• कोगन सिंड्रोम जैसे स्व-प्रतिरक्षित रोग (Cogan’s syndrome)
• सिर या रीढ़ की हड्डी की चोट
• कान के लिए विषाक्त दवाओं का उपयोग
• कान में रक्त संचार कम होना
• लंबे समय तक तेज आवाज के संपर्क में रहना
• लगातार मानसिक तनाव
• अनुपचारित मध्य कान का संक्रमण
• मस्तिष्क संबंधी समस्याएं जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis) और आंतरिक कान के विकार जैसे मेनियार्स का रोग।

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख अचानक सुनवाई हानि के लक्षण, कारण और उपचार पढ़ें।

मिश्रित बहरापन क्या है?

मिश्रित बहरापन संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन और प्रवाहकीय बहरापन या कंडक्टिव बहरापन का संयोजन है, दोनों प्रकार के बहरेपन एक ही समय में होते हैं।

एक सामान्य उदाहरण के रूप में, यदि संवेदी बहरेपन से पीड़ित व्यक्ति को मध्य कान में संक्रमण या यूस्टेशियन ट्यूब में रुकावट भी है तो यह मिश्रित बहरापन का मामला है। ऐसी स्तिथि में प्रवाहकीय बहरेपन के लिए जिम्मेदार कारकों का इलाज किया जा सकता है लेकिन संवेदी बहरापन स्थायी है।

उच्च आवृत्ति बहरापन क्या है?

उच्च आवृत्ति बहरापन उच्च आवृत्ति क्षेत्र में ध्वनि और भाषण सुनने में कान की अक्षमता है। ये उच्च आवृत्तियाँ 2000 Hz (हर्ट्ज़) से ऊपर हैं।

“स”, “ह”, “फ” से शुरू होने वाले या “श” जैसे फुफकार शब्दों को सुनने में असमर्थता या समझ में न आना उच्च आवृत्ति बहरापन का संकेत है। यह ज्यादातर वरिष्ठ नागरिको को प्रभावित करता है।

अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख उच्च आवृत्ति बहरापन- लक्षण, कारण और उपचार पढ़ें।

ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन क्या है?

ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन लगातार तेज आवाज के संपर्क में आने से होता है। यह थोड़े समय के लिए अत्यधिक तेज आवाज के कारण भी हो सकता है। लगातार तेज संगीत सुनने या किसी विस्फोट के पास रहने से ध्वनि प्रदूषण बहरापन (noise induced hearing loss) हो सकता है।

ध्वनि प्रदूषण कितने डेसीबल से माना जाता है?

70 डीबीए (dBA) और उससे अधिक के ध्वनि स्तर को हानिकारक माना जाता है, नीचे शोर के स्तर और जोखिम की अवधि है जो कोक्लीअ में संवेदनशील बालों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।

• 85 dBA – कुछ घंटों के लिए।
• 100 dBA – 14 मिनट और उससे अधिक का निरंतर संपर्क।
• 110 dBA – 2 मिनट और अधिक का निरंतर संपर्क।

ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन को रोकने के लिए हमारा लेख सुनने की शक्ति कैसे बढ़ाएं? कुछ सरल सुझाव जानिए पढ़ें

(सौजन्य: https://www.noisyplanet.nidcd.nih.gov/parents/too-loud-too-long)

कुछ सामान्य उपकरणों का शोर स्तर जो बहरापन का कारण बन सकता है blog image
कुछ सामान्य उपकरणों का शोर स्तर जो बहरापन का कारण बन सकता है।

ओटोटॉक्सिसिटी क्या है?

ओटोटॉक्सिसिटी (ototoxicity) कुछ दवाओं और पदार्थों का दुष्प्रभाव है जो श्रवण तंत्रिका और आंतरिक कान के लिए हानिकारक या जहरीले होते हैं।

ओटोटॉक्सिक का शाब्दिक अर्थ है की कोई ऐसा पदार्थ या दवा जो हमारे कान के लिए जहरीली या विषाक्त है। यह शब्द यूनानी भाषा से लिया गया है, यूनानी में ओटो का मतलब कान और टॉक्सिक का मतलब जहरीला होता है।

बहरेपन के अलावा, ओटोटॉक्सिसिटी हमारे संतुलन को प्रभावित कर सकती है और टिनिटस का कारण भी बनता है। यदि रोगी पर दुष्प्रभाव प्रतिक्रिया का पता चलता है और स्थायी क्षति होने से पहले दवा बंद कर दी जाये तो ओटोटॉक्सिक दवाओं के प्रभाव को सीमित किया जा सकता है।

ओटोस्क्लेरोसिस क्या है?

ओटोस्क्लेरोसिस (otosclerosis) का अर्थ है मध्य कान में हड्डी का असामान्य विकास या हड्डी का सख्त होना और यह बहरेपन का कारण है। ओटोस्क्लेरोसिस का शाब्दिक अर्थ ओटो (कान से संबंधित) और स्क्लेरोसिस (शरीर के ऊतकों का असामान्य सख्त होना) है।

हमारे मध्य कान में 3 छोटी हड्डियाँ हैं जो कान में ध्वनि प्रवेश करने पर कंपन करती हैं, ये हड्डियाँ कंपन को भीतरी कान तक पहुँचाती हैं। मध्य कान में स्टेप्स (stapes) हड्डी के आसपास असामान्य वृद्धि होने से इसकी कंपन करने की क्षमता सीमित हो जाती है।

हड्डी की सीमितता या कंपन करने में असमर्थता के कारण, यह कुशलतापूर्वक ध्वनि को आंतरिक कान तक नहीं पहुंचा सकती है जिसके कारण बहरापन होता है।

बहरापन मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है?

इस बात का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि बहरापन मस्तिष्क को प्रभावित करता है, विशेष रूप से वह क्षेत्र जो संज्ञानात्मक गतिविधियों (cognitive activities) को संसाधित करता है। संज्ञानात्मक गतिविधियाँ वे बौद्धिक गतिविधियाँ हैं जैसे सोचना, तर्क करना और याददाश्त।

इसका कारण यह है कि यदि कोई कम सुनता है, तो मस्तिष्क को प्रक्रिया करने के लिए कम संकेत मिलते हैं जिससे उत्तेजना कम हो जाती है। बहरेपन से पीड़ित व्यक्ति की पूरी एकाग्रता बातचीत को सुनने पर होती है और मस्तिष्क भाषण को समझने के लिए कड़ी मेहनत करता है। इस स्थिति में मस्तिष्क अन्य कार्यों को कुशलता से नहीं कर पाता है।

यही कारण है कि बहरेपन से पीड़ित लोग ज्यादा याद नहीं रख पाते हैं या उन्हें गिरने का खतरा होता है, क्योंकि शरीर का संतुलन भी हमारे आंतरिक कान का एक कार्य है। बहरेपन से पीड़ित लोगों में संज्ञानात्मक हानि विकसित होने की संभावना दोगुनी होती है।

मस्तिष्क पर बहरेपन के प्रभाव कम करने के लिए कान की मशीन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए हमारा लेख अपने माता-पिता को कान की मशीन के उपयोग के यकीन दिलाने के 5 टिप्स पढ़ें।

बहरापन के 5 स्तर क्या हैं?

आप अपना ऑडियोमेट्री परीक्षण करवाते हैं और आपका ऑडियोलॉजिस्ट आपको सूचित करता है कि आपकी सुनने की क्षमता कम हो गई है या आपको गंभीर या मध्यम बहरापन है।

आपके ऑडियोग्राम में उल्लिखित बहरापन को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया जाता है:

• हल्का बहरापन 26 से 40 डीबी
• मध्यम बहरापन 41 से 55 डीबी
• मध्यम से गंभीर बहरापन 56 – 70 डीबी
• गंभीर बहरापन 71 – 90 dB
• गहन बहरापन 91 डीबी और उससे अधिक

एक सामान्य व्यक्ति लगभग 20-25 डीबी स्तर की ध्वनि सुन सकता है, हालांकि, गंभीर बहरापन से पीड़ित व्यक्ति तभी सुन सकता है जब ध्वनि का स्तर 70 डीबी से अधिक हो।

ऑडियोग्राम जो बहरापन के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है। blog image
ऑडियोग्राम जो बहरापन के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है।

द्विपक्षीय या बाइलेटरल बहरापन क्या है?

दोनों कानों में बहरापन को बाइलेटरल बहरापन कहा जाता है। उम्र से संबंधित बहरापन धीरे-धीरे विकसित होता है वह आम तौर पर द्विपक्षीय होता है।

यदि दोनों कानों में बहरापन समान है, तो इसे सिमिट्रिकल बहरापन (symmetrical hearing loss) के रूप में जाना जाता है। यदि एक कान में बहरापन दूसरे कान की तुलना में अधिक है, तो इसे विषम बहरापन (asymmetrical hearing loss) के रूप में जाना जाता है।

असिमिट्रिकल बहरापन के मामले में, लोग केवल एक कान की मशीन का उपयोग करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों कानों में कान की मशीन का उपयोग किया जाना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए लिए हमारा लेख दो कान की मशीन या एक? क्या बेहतर है? पढ़ें।

गहन बहरापन क्या है?

90 डीबी से नीचे की किसी भी ध्वनि को सुनने की अक्षमता को गहन बहरापन कहा जाता है। शुद्ध स्वर (pure tone) ऑडियोमेट्री परीक्षण का रिपोर्ट अगर औसत 90 डीबी स्तर और उससे अधिक दिखता है तो उसे गहन बहरापन माना जाता है।

अधिकांश रोज़मर्रा की आवाज़ें इस स्तर से बहुत कम होती हैं, गहन बहरापन से पीड़ित व्यक्ति सामान्य बातचीत जो कि 30 से 60 डीबी के बीच के स्तर पर होती हैं वह उन्हें नहीं सुन सकता है। एक एम्बुलेंस या पुलिस सायरन या पास में भोंपू बजाने वाली गाडी 90 डीबी ध्वनि स्तर को पार कर जाएगी।

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