कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के तर्क-वितर्क

बहरेपन से ग्रसित लोगों के बीच अक्सर “कॉकलियर इंप्लांट” शब्द बहुत चर्चित है। हम में से अधिकांश लोग इस उपकरण की कार्यशैली और इससे संबंधित प्रक्रियाओं से अनजान हैं।

सही जानकारी का अभाव होने के कारण इस विषय से जुड़ी गलत धारणाएं पैदा होती है। सच्चाई यह है कि कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी (कर्णावर्ती प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा) पूरी तरह से सुरक्षित है।

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विषय – सूची

उपयोगकर्ता पुष्टि करते हैं कि वे कॉकलियर इंप्लांट के साथ बेहतर सुनते हैं। उन मामलों में अत्यधिक अनुशंसा की जाती है जहां कान की मशीन लाभकारी नहीं होती है। यह गंभीर से गहन संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन  से पीड़ित लोगों के लिए कारगर है।

कॉकलियर इंप्लांट क्या है?

कॉकलियर इंप्लांट एक छोटा, जटिल उच्च तकनीक वाला सुनने का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। आंतरिक कान के खराब होने के कारण बहरेपन से पीड़ित लोगों के लिए आंतरिक कान में इसे फिट करने के लिए एक छोटे कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की आवश्यकता होती है।

नाम के रूप में कॉकलियर इंप्लांट का अर्थ यह है कि, हमारे कान के काक्लीअ में लगाया गया एक उपकरण है।

हमें कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की आवश्यकता क्यों है?

सामान्य परिस्थितियों में, हमारा मस्तिष्क विद्युत संकेतों को प्राप्त करता है। आंतरिक कान में काक्लीअ ध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करता है। ये संकेत श्रवण तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचते हैं।

कोक्लीअ के अंदर मौजूद बाल कोशिकाओं के ख़राब या अनुपस्थिति के कारण, ध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। चूंकि बहुत कमजोर संकेत या कोई भी संकेत मस्तिष्क तक नहीं पहुंचते है, इसलिए व्यक्ति सुन नहीं सकता है।

एक कॉकलियर इंप्लांट कान की नस के माध्यम से मस्तिष्क के लिए कृत्रिम रूप से यह विद्युत संकेत को प्रदान करता है।

कॉकलियर इंप्लांट के हिस्से क्या है?

आगे पढ़ने से पहले, हम कॉकलियर इंप्लांट के हिस्सों से परिचित हो जाएं। कॉकलियर इंप्लांट को व्यापक रूप से 2 भागों में विभाजित किया जा सकता है।

आपके लिए मूल रूप से दो कॉकलियर इंप्लांट भागों को जानने की आवश्यकता है:

कॉक्लियर इंप्लांट के बाहरी भाग blog image
कॉक्लियर इंप्लांट के बाहरी भाग

1. बाहरी इकाई

बाहरी इकाई में निम्नलिखित घटक होते हैं

  1. माइक्रोफोन
  2. आवास में ध्वनि प्रोसेसर इकाई
  3. कुंडली (coil) के साथ ट्रांसमीटर
  4. चुंबक

2. आंतरिक इकाई

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कॉक्लियर इंप्लांट के आंतरिक भाग

शल्य चिकित्सा द्वारा इम्प्लांट आंतरिक इकाई निम्नलिखित घटक शामिल होते है।

  • रिसीवर
  • एंटीना
  • चुंबक
  • इलेक्ट्रोड

कॉकलियर इंप्लांट कैसे काम करता है?

कॉकलियर इंप्लांट का माइक्रोफोन श्रवण संकेतों को पकड़ता है। श्रवण संकेत डिजिटल रूप से संसाधित होता है और इलेक्ट्रॉनिक डेटा में परिवर्तित हो जाता है। तार डेटा को ट्रांसमीटर तक ले जाते है जो बाहरी रूप से सिर से जुड़ा होता है।

खोपड़ी के अंदर एंटीना डिजिटल डेटा को पकड़ता है। रिसीवर और सिम्युलेटर इस डेटा को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करते हैं और उन्हें इलेक्ट्रोड श्रंखला को भेज देते हैं। इलेक्ट्रोड काक्लीअ को विद्युत संकेत प्रदान करते हैं। यह संकेत, श्रवण संकेतों के रूप में कान की नस के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचते है।

कॉकलियर इंप्लांट क्या है? और कैसे काम करता हैं, यह समझने के लिए इस लेख को पढ़ें।

कॉकलियर इंप्लांट या कान की मशीन बहस

यदि आप आश्चर्य कर रहे हैं कि ऑडियोलॉजिस्ट एक जटिल श्रवण उपकरण की सिफारिश क्यों करते हैं जिसमें आसानी से कान की मशीन लगाने के बजाय शल्य चिकित्सा शामिल है? जवाब दोनों तरह के श्रवण उपकरणों की कार्य क्षमता में निहित है।

कान की मशीन हमारे कानों में ध्वनि को बढ़ाती है। प्रवर्धित ध्वनि बाहरी कान, मध्य कान और आंतरिक कान के माध्यम से गुजरती है। आंतरिक कान में क्षतिग्रस्त या गायब संवेदी बाल कोशिकाएं ध्वनि को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करने में सक्षम नहीं होती हैं। हमारा मस्तिष्क इन संकेतों को प्राप्त नहीं कर सकता भले ही वह व्यक्ति एक कान की मशीन का उपयोग कर रहा हो।
कर्णावर्ती प्रत्यारोपण उन मामलों में बहरेपन के लिए उपयुक्त है जहां कान की मशीन उपयोगकर्ता को लाभ नहीं देती है।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी

चिकित्सक और ऑडियोलॉजिस्ट यह तय करने के लिए विभिन्न परीक्षण करता है कि क्या रोगी कॉकलियर इंप्लांट के लिए मानदंड पूरा करता है या नहीं। नीचे कुछ बिंदु हैं जो तय करते हैं कि रोगी को कॉकलियर इंप्लांट प्राप्त करना चाहिए या नहीं।

• रोगी गंभीर या गहन बहरेपन से पीड़ित है।
• कान की मशीन के साथ भाषण को समझना बहुत मुश्किल है
• कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के समय रोगी की उम्र क्या है?
• क्या रोगी को जन्मजात बहरापन है या बाद में बहरा हुआ है। अगर बाद में, तो किस उम्र में रोगी बहरा हो चुका है?

बच्चों के मामले में रोगी की सहायता व सार-संभाल हेतु परिवार के सदस्य, दोस्त और शिक्षकों से संबंधित जानकारी भी होनी चाहिए। नियमित आधार पर पोस्ट ऑपरेटिव थेरेपी (शल्य चिकित्सा के उपरांत अपेक्षित उपचार) की निरंतर आवश्यकता।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी का संक्षिप्त विवरण

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी सामान्य (जनरल) एनेस्थेसिया के तहत होती है। कुल प्रक्रिया में लगभग 2 घंटे लगते हैं।

● कान का डॉक्टर सर्जरी से पहले कान के पीछे की हड्डी के स्थान का निर्धारण करने के लिए रोगी को एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan) रिपोर्ट के लिए भेजता है।
● डॉक्टर कॉकलियर इंप्लांट के आंतरिक भाग को लगाने के लिए कान के पीछे एक चीरा लगाता है। ऑपरेशन के बाद चीरे पर पट्टी की जाती है।
● कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के उपरांत रोगी को रिकवरी रूम में रखा जाता है और एनेस्थेसिया (बेहोशी की दवा) का असर ख़त्म होने तक देखरेख में रहता है। कभी कभी रोगी को कुछ दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है।
● रोगी को संक्रमण को रोकने के लिए निर्धारित एंटीबायोटिक्स दवाइयाँ लेनी चाहिए।
● पूरी जाँच के बाद अस्पताल रोगी को छुट्टी दे देता है।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के बाद की प्रक्रिया

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के बाद यह उपकरण तुरंत ही काम शुरू नहीं करता है या इसे चालू नहीं किया जाता है।
पहले घाव के पूरी तरह से ठीक होने का इंतिज़ार करना पड़ता है। इसमें लगभग 3 से 6 सप्ताह लगते हैं। रोगी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकता है, उसे बिस्तर तक ही सीमित रहने की ज़रूरत नहीं है।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के बाद निशान ठीक हो गया blog image
कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के बाद निशान ठीक हो गया

घाव ठीक होने के बाद, कॉकलियर इम्प्लांट की बाहरी इकाई को जोड़ दिया जाता हैं। संपूर्ण संयोजन की जांच करने के बाद कॉकलियर इंप्लांट को चालू या सक्रिय किया जाता है।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के तर्क-वितर्क

अधिकांश लोगों ने पुष्टि की है कि वे कॉकलियर इंप्लांट के साथ बेहतर सुनते हैं।

कर्णावर्ती प्रत्यारोपण (कॉकलियर इंप्लांट) के लाभ हैं:

  • व्यक्ति वह ध्वनि सुनने में सक्षम है जो कान की मशीन के साथ संभव नहीं था। दरवाज़े की घंटी, टेलीफोन की घंटी की आवाज़ स्पष्ट रूप से सुनाई देती है। व्यक्ति लोगों के क़दमों की आहट और दरवाज़ा बंद होने को भी सुन सकता है।
  • व्यक्ति वक्तव्य को बेहतर समझ सकता है। वह होंठ पढ़ने पर कम निर्भर रहता है।
  • व्यक्ति को आराम महसूस होता है क्योंकि वाक्य में छूट गए शब्दों को समझने के प्रयास से जुड़ा कोई तनाव नहीं होता है।
  • व्यक्ति आसानी से फोन पर बात कर सकता है।
  • व्यक्ति टीवी देख सकता है।
  • यह बच्चों के लिए वरदान है क्योंकि वे विद्यालय में शिक्षक को सुन सकते हैं और उनका अनुसरण कर सकते हैं।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के नुकसान या हानि (कर्णावर्ती प्रत्यारोपण जोखिम)

हानि या संबंधित जोखिम, होने वाले श्रवण लाभ की तुलना में बहुत कम हैं।

  • ऐसे बहुत कम मामलें हैं जहां कॉकलियर इंप्लांट अपेक्षित काम नहीं कर पाया हो। अतिरिक्त सर्जरी इस स्थिति को सुधारती है।
  • कर्णावर्ती प्रत्यारोपण संक्रमण का कारण बन सकता है। लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम है।
  • कॉकलियर इंप्लांट के माध्यम से प्राप्त ध्वनि सामान्य प्राकृतिक ध्वनि जैसी सुनाई नहीं देती है। कॉकलियर इंप्लांट के उपयोगकर्ता जो पहले सुन सकते थे और बाद में अपनी श्रवण क्षमता खो चुके हैं, उन्हें कर्णावर्ती प्रत्यारोपण के बाद की ध्वनि मशीनी व अप्राकृतिक लगती है।
  • कॉकलियर इंप्लांट के आंतरिक भाग के लिए कोई अपग्रेड या बहतर परिवर्तन नहीं है। कंपनियां जो कॉकलियर इंप्लांट बना रही हैं, वे आमतौर पर बाहरी ध्वनि प्रोसेसर (प्रक्रमक) को ही अपग्रेड करती हैं। नए ध्वनि प्रक्रमक अनुकूल हैं और ये नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं।
  • कॉकलियर इंप्लांट एक कान की मशीन से अधिक महंगा है और नुकसान से बचने के लिए अतिरिक्त रख-रखाव की आवश्यकता भी होती है।
  • बैटरी और कनेक्टिंग कॉर्ड (जोड़ने की तार) के महंगा होने के कारण इसकी सार-संभाल भी महंगा पड़ती है।
  • कॉकलियर इंप्लांट का उपयोग करने वाले व्यक्ति के लिए वापस से उसी कान में कान की मशीन का उपयोग करना संभव नहीं है।

2018 में प्रकाशित बाल चिकित्सा कोक्लेयर आरोपण के 579 मामलों पर किए गए एक अध्ययन “Failure Rate in Pediatric Cochlear Implantation and Hearing Results Following Revision Surgery” (बाल कर्णावर्ती प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा में विफलता दर और संशोधन शल्य चिकित्सा के उपरांत सुनने में विफलता) से निम्नलिखित निष्कर्ष सामने आया हैं:

  • 7% उपकरण विफलता दर
  • 3% उपकरण संक्रमण दर
  • 3% इलेक्ट्रोड निष्कासन दर (electrode extrusion rate)

नवीनतम प्रौद्योगिकी व विकास ने कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी को बहुत सुरक्षित बना दिया है। डिजिटल कॉकलियर इंप्लांट की ध्वनि गुणवत्ता में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है।

निम्नलिखित अग्रणी कंपनियां भारत में कोक्लेयर प्रत्यारोपण का निर्माण करती हैं।

काक्लीअर (Cochlear)

मेडेल (Medel)

एडवांस्ड बायोनिक्स (Advanced Bionics)

भारत सरकार कर्णावर्ती प्रत्यारोपण के उम्मीदवारों के लिए मुफ्त कॉकलियर इंप्लांट उपलब्ध करवाती है। कृपया केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित  एडीआईपी योजना  ADIP Scheme (विकलांग व्यक्तियों के लिए सहायता) की जाँच करें। योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले उम्मीदवार निकटतम रीजनल सेंटर (Regional Centers या क्षेत्रीय केंद्र) से संपर्क कर सकते हैं।

कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी (कर्णावर्ती प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा) कई लोगों के जीवन में सुधार व सरलता ला पाने में काफी मददगार साबित हुई है। अपनी स्थिति का गहराई से विश्लेषण कर निर्णय लें कि क्या आपको भी इसका इस्तेमाल करने की आवश्यकता तो नहीं।

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